
कोरोना काल के चलते देश की अर्थव्यवस्था दयनीय अवस्था में बनी हुई है। बेरोजगारी, महंगाई, दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे अपराध से जनता बुरी तरह त्रासद है। आशा की उम्मीद लिए जनता केंद्र सरकार की ओर निगाह जमाए बैठी है कि मोदी सरकार ने कह दिया है कि वह 20 सरकारी कंपनियों (CPSEs) और उनकी इकाइयों में हिस्सेदारी बेच रही है, साथ ही 6 कंपनियों को बंद करने पर विचार किया जा रहा है।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि केंद्र सरकार विनिवेश के लिए रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री नीति का पालन करती है। आगे अनुराग ठाकुर ने कहा, ”नीति आयोग की ओर से तय किए गए मानदंडों के आधार पर सरकार ने 2016 से 34 मामलों में रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी है। इनमें से 8 में विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 6 CPSEs को बंद करने पर विचार किया जा रहा है और 20 अन्य में प्रक्रिया अलग-अलग चरण में है।”
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए (फाइल फोटो)
जिन कंपनियों को मोदी सरकार बंद करने पर बात कर रही है उनमें हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन लिमिटेड (HFL), स्कूटर्स इंडिया, भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब, हिन्दुस्तान न्यूजप्रिंट और कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्टूकिल्स लिमिटेड शामिल हैं। बता दें कि जिन कंपनियों में विनिवेश की प्रक्रिया अलग-अलग चरणों में हैं, वे हैं- प्रोजेक्ट एंड डिवेलपमेंट इंडिया लिमिटेड, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट (इंडिया) लिमिटेड, ब्रिज एंड रूफ को इंडिया लिमिटेड, यूनिट्स ऑफ सीमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआई), सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड, नागरनर स्टील प्लांट, अलोय स्टील प्लांट, दुर्गापुर; सालेम स्टीम प्लांट; भद्रावती यूनिट्स ऑफ SAIL, पवन हंस, एयर इंडिया और इसकी पांच सब्सिडियरी और एक जॉइंट वेंचर। इसके अलावा एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड, इंडियन मेडिसिन एंड फार्माशूटिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड, इंडियन टूरिज्म डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईटीडीसी), हिन्दुस्तान एंटीबायोटिक्स, बंगाल केमिकल्स और फार्माशूटिकल्स, भारत पेट्रोलियम लिमिटेड, नूमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड में बीपीसीएल की हिस्सेदारी, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और नीलांचल इस्पात लिमिटेड में रणनीतिक बिक्री चल रही है। जानकारी के मुताबिक, जिन कंपनियों में रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री हो चुकी हैं वे हैं- एचपीसीएल, आरईसी, हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी, नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन, द्रेदजिंग कॉर्पोरेशन, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और कामाराजार पोर्ट।