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पानीपत की 10 साल की तन्वी ने मात्र 9 सेकेंड में सुनाई ‘पाई की 101 डिजिट’, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुआ नाम दर्ज

वैश्विक स्तर पर फैली महामारी कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में बड़ों के साथ-साथ बच्चों पर भी घरों में रहकर इस गंभीर बीमारी से लड़ने का दायित्व आया हुआ है। इस दायित्व को निभाने में कुछ बच्चे खुश हैं तो कुछ तनावग्रस्त हो रहे हैं। इस लॉकडाउन के दौरान ही हरियाणा के पानीपत जिले में 10 साल की तन्वी सिंह ने मात्र 9 सेकेंड में पाई की 101 डिजिट सुनाते हुए एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कर लिया है।
तन्वी सिंह अपने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सर्टिफिकेट और किट के साथ
पिछले वर्ष नौ साल की छोटी से उम्र में रिफाइनरी टाउनशिप स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल की कक्षा पांचवीं में पढ़ने वाली तन्वी सिंह ने एक नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था। तब तन्वी ने मात्र 12 सेकेंड में पाई की 101 डिजिट सुनाई थी। बता दें कि पहले यह रिकॉर्ड महाराष्ट्र की टीया रहेजा के नाम था। टीया ने 12 वर्ष की उम्र में 17 सेकेंड में इतनी ही डिजिट सुनाई थी। तन्वी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया जा चुका है। अब कठिन परिश्रम करते हुए तन्वी सिंह ने एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अपना नाम दर्ज करवा लिया है।
अपने परिवार के साथ एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर तन्वी सिंह
रिफाइनरी में कार्यरत मुकेश कुमार व माता अनीता ने बताया कि उनकी दस वर्षीय बेटी तन्वी की याददाश्त काफी अच्छी है। वह काफी कम समय में अधिक संख्या याद कर सकती है। इस काबिलियत को देखते हुए तन्वी को पाई की वैल्यू याद करने का टास्क दिया तो प्रदर्शन शानदार रहा। इसके बाद तन्वी ने पाई की ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। पाई की वैल्यू असीमित होती है। लॉकडाउन में तन्वी सिंह की याददाश्त को और बेहतर बनाने के लिए हमने ‘राइम एकेडमी बरेली, उत्तर प्रदेश के संस्थापक परमजीत सिंह’ में इसकी ऑनलाइन मेमोरी बूस्टर ट्रेनिंग करवाई जिसका हमें सुखद परिणाम मिल रहा है। एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से तन्वी सिंह को सर्टिफिकेट के साथ एक मेडल, एक बैज, जर्मनी में बना एक शानदार पेन, एक कार स्टीकर भेजे गए हैं। एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अगले अंक में तन्वी सिंह के नाम, फोटो और उपलब्धि को दर्ज किया जाएगा।
✍️ दिनेश दिनकर