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पीएम मोदी को 12 साल की बच्ची ने लिखी चिट्ठी, कहा हमारे भविष्य के बारे में सोचिये !

कोरोना वायरस महामारी से सारा विश्व प्रभावित है। जलवायु परिवर्तन भी ऐसा ही विषय है जिससे कोई भी देश अछूता नहीं रह सकता है। पर्यावरण में तेजी से आ रहे बदलावों और इंसानों पर उसके पड़ रहे नकारात्मक प्रभावों को लेकर हरिद्वार की 12 वर्षीय रिद्धिमा पांडे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। उत्तराखंड स्थित हरिद्वार निवासी रिद्धिमा ने इस चिट्ठी में पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई ज्वलंत मुद्दों का जिक्र किया है। रिद्धिमा ने इस बाबत एक ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने लिखा – ‘मेरा नाम रिद्धिमा पांडे है। मैं उत्तराखंड के हरिद्वार की रहने वाली 12 वर्षीय छात्रा हूं। मैंने सभी के लिए स्वच्छ हवा की मांग करते हुए हमारे प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।’
My name is Ridhima Pandey. I am a 12-year old student living in Haridwar, Uttarakhand. On International Day for Clean Air and Blue Skies, I have written to our Prime Minister demanding clean Air for all. pic.twitter.com/j0SsHj6v6R
— Ridhima pandey (@ridhimapandey7) September 7, 2020
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजी गई दो पन्नों की चिट्ठी की तस्वीर ट्वीट कर रिद्धिमा ने बताया है कि ‘दिल्ली, वाराणसी, आगरा, मुंबई, चेन्नई तथा कई अन्य घनी आबादी वाले शहरों में वायु प्रदूषण बहुत अधिक मात्रा में है जो हमारे लिए खतरनाक है। यहां रहने वाले लोगों के लिए यह गंभीर बीमारी का एक प्रमुख कारण भी है। महामारी के बाद हमने वायु प्रदूषण के चलते बढ़े मामले और मौतों से जुड़े शोध पढ़े जो बहुत चिंताजनक है।’ एक अन्य ट्वीट में रिद्धिमा ने कहा है कि ‘हर साल, भारत के कई हिस्सों में, हवा बहुत प्रदूषित हो जाती है और अक्टूबर के बाद सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। मुझे चिंता है कि अगर मेरे जैसे 12 साल के बच्चे को सांस लेने में मुश्किल होती है, तो मुझसे छोटे बच्चों का दिल्ली और अन्य शहरों में क्या हाल होगा।’
वायु प्रदूषण से परेशान स्कूली बच्चे (फाइल फोटो)
12 वर्षीय रिद्धिमा पांडे ने आगे कहा कि ‘दिल्ली में वायु प्रदूषण इतना खतरनाक हो गया है कि लोग ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहे हैं,घुटन महसूस करते हैं। मैं यह इसलिए कह रही हूं क्योंकि मैंने पिछले साल बाल दिवस पर दिल्ली में यह स्थिति देखी थी। मुझे चिंता है कि अगर जल्द ही इस समस्या के बारे में कुछ नहीं किया गया, तो आने वाले वर्षों में हमें स्वच्छ हवा में सांस लेने और जिन्दा रहने के लिए अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर रखना होगा। आम आदमी इसे कैसे अफॉर्ड करेगा?’
पौधारोपण करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो)
रिद्धिमा ने आगे बताया – ‘एक बार हमारे टीचर ने हमसे हमारे बुरे सपने के बारे में पूछा था। मैंने उन्हें बताया कि हवा इतनी प्रदूषित हो गई थी कि मैं ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर स्कूल आ रही थी। यह बुरा सपना अभी भी मेरी सबसे बड़ी चिंता है क्योंकि प्रदूषित हवा आज हमारे देश की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है।’ रिद्धिमा के अनुसार, ‘हमारे प्रधानमंत्री के रूप में, आपने जलवायु परिवर्तन को एक वास्तविकता के रूप में स्वीकार किया है। आज भारत के सभी बच्चों की ओर से मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहती हूं कि कृपया हमारे भविष्य के बारे में भी सोचें।’ पीएम मोदी को संबोधित करते हुए पत्र में कहा गया है कि ‘कृपया आप यह सुनिश्चित करने की कृपा करें कि भविष्य में ऑक्सीजन सिलेंडर हम बच्चों के जीवन का जरूरी हिस्सा ना बन जाए।’
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने 7 सितंबर को
अपने 74वें सत्र में ‘इंटरनेशनल क्लीन एयर डे फॉर ब्लू स्काई’ मनाने का फैसला किया था। इंटरनेशनल फोरम फॉर एन्वायर्नमेंट, सस्टनेबिलिटी एंड टेक्नोलॉजी (आई-फॉरेस्ट) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंद्रभूषण के अनुसार कि क्लीन एयर डे की अहमियत भारत के लिए सबसे ज्यादा है। भारत एयर पॉल्यूशन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश है। उन्होंने आंकड़ों के हवाले से कहा कि आज देश में 90 करोड़ टन कोयला, 40 करोड़ टन बायोमास, 20 करोड़ टन तेल और 5 करोड़ टन गैस की ऊर्जा की खपत होती है। भारत में भी कुल वायु प्रदूषण का 51 फीसदी प्रदूषण तो उद्योगों के कारण होता है।