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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट का ट्विटर अकाउंट हैक, हैकर ने की बिटक्वॉइन की मांग

कोरोनावायरस के चलते देश में ऑनलाइन गतिविधियों में तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है। किंतु हैकर्स अक्सर इन ऑनलाइन गतिविधियों में अक्सर अवरोधक का काम करते हैं। जानकारी के मुताबिक, एक हैकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पर्सनल वेबसाइट का ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया है। हैकर ने Covid-19 रिलीफ फंड के लिए डोनेशन में बिटक्वॉइन की मांग की है। बताया जा रहा है कि ये ट्वीट्स तुरंत ही डिलीट कर दिए गए। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस अकाउंट पर 25 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

पीएम मोदी की पर्सनल वेबसाइट के ट्विटर अकाउंट पर एक मैसेज लिखा गया, ‘मैं आप लोगों से अपील करता हूं कि Covid-19 के लिए बनाए गए पीएम मोदी रिलीफ फंड में डोनेट करें।’ एक अन्य ट्वीट में हैकर ने लिखा, यह अकाउंट जॉन विक ने हैक किया है। हमने पेटीएम मॉल हैक नहीं किया है। इन ट्वीटस को अब डिलीट कर दिया गया है।

Twitter ने स्वीकारा है कि पीएम मोदी की पर्सनल वेबसाइट से जुड़ा ट्विटर अकाउंट हैक हो गया है और इस अकाउंट को रिकवर करने के लिए प्रयास किए गए हैं। Twitter के प्रवक्ता ने कहा कि मामले की जांच की जा रही हैं। हमें अन्य खातों के प्रभावित होने की जानकारी नहीं है।

30 अगस्त को साइबर सिक्योरिटी फर्म साइबेल ने दावा किया था कि हैकर समूह जॉन विक ने ही पेटीएम मॉल का डेटा भी चोरी किया था। साइबेल के अनुसार हैकर ग्रुप ने रकम की मांग भी की थी, लेकिन पेटीएम ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि डेटा में सेंधमारी जैसी कोई घटना नहीं हुई थी। बता दें कि इससे पहले जुलाई में दुनिया की कई दिग्गज हस्तियों के ट्विटर अकाउंट हैक किए गए थे। इनमें वॉरेन बफैट, जेफ बेजोस, बराक ओबामा, जो बिडेन, बिल गेट्स, एलन मस्क भी शामिल थे।

जानें क्या होता है बिटकॉइन

बिटकॉइन की शुरुआत 2009 में हुई थी। बिटकॉइन की कीमत लगातार बढ़ रही है जिसके चलते आज इसकी कीमत 10 लाख को पार कर चुकी है। यह एक तरह की डिजिटल करंसी है। इसकी शुरुआत एलियस सतोशी नाम के शख्स ने की थी। भारत में भी गुपचुप तरीके से बिटकॉइन ट्रेडिंग की जा रही है हालांकि सरकार ने इसके बारे में आगाह किया है। बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलिट के जरिए होती है। बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान होती है इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई। दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है। यह किसी देश द्वारा निर्धारित नहीं होती है बल्कि डिजिटली कंट्रोल होती है। स्टॉक मार्केट की तरह बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है।

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