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हिमाचल प्रदेश की जया को मिली 2.50 करोड़ की स्कॉलरशिप, पीएचडी करने जाएंगी यूके

कोरोना वायरस के चलते घोषित लॉकडाउन में औद्योगिक क्षेत्र की तरह शिक्षा के क्षेत्र में भी ठहराव देखने को मिल रहा है। किन्तु कुछ छात्र-छात्राएं अपनी मेहनत के बलबूते पर अभी भी शिक्षा जगत में सफलता हासिल करते हुए देश-दुनिया में अपने अभिभावकों का नाम रोशन कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के मनाली की जया सागर रिसर्च के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल यूके जाएंगी। बता दें कि दुनिया के 400 से अधिक आवेदनकर्ताओं में शामिल मनाली की जया सागर एशिया की एकमात्र छात्रा हैं जिन्होंने दुनिया के शीर्ष 10 सफल छात्रों में जगह बनाई है। चार साल के इस प्रोग्राम के लिए सभी खर्च जुतशि-स्मिथ स्काॅलरशिप उठाएगी जो ढाई करोड़ रुपए होगा।
जया सागर एनआईटी हमीरपुर से इसी साल इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन इंजीनियर बनी हैं। वह क्वांटम कम्प्यूटिंग में पीएचडी करने यूके जा रही हैं। इंटर्नशिप के दौरान जया सागर की रिसर्च के प्रति उनके रुझान को देखकर प्रोफेसर डॉ० अलेक्जेंडर ने जया को इस कोर्स के लिए प्रेरित किया। हाल ही में म्यूनिख, जर्मनी में हुई क्वांटम टेक्नोलॉजी की वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में भी जया सागर ने भारत को गौरवान्वित महसूस करवाया था। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मनाली की ओर से 2013 में बेंगलुरु में हुए राष्ट्र स्तरीय आइरिस विज्ञान मेले में जया ने स्वर्ण पदक हासिल किया था। इसी स्कूल की ओर से वर्ष 2014 में अमेरिका में हुए इंटेल इंटरनेशनल साइंस फेयर में जया ने 80 देशों के बाल वैज्ञानिकों के बीच भारत को दो पुरस्कार भी दिलाए थे। जल विद्युत और सेब की खेती को बेहतर करने के क्षेत्र में जया के कार्य ने उन्हें हिमाचल की सबसे छोटी कापी राइट प्राप्त करने वाली छात्रा बनाया है।
✍️जया सागर ये अवॉर्ड भी प्राप्त कर चुकी हैं
• राष्ट्रपति अवॉर्ड से सम्मानित
• नेशनल यूथ अवॉर्ड फ़ॉर रिसर्च एंड इनोवेशन।
• एवीएएससी स्पेशल अवॉर्ड इंटेल इंटरनेशनल साइंस इंजीनियरिंग फेयर
• नेशनल वूमेन एचीवर अवॉर्ड
• जेआरपीडी मेमोरियल अवॉर्ड फ़ॉर एक्लेनसी इन साइंस एजुकेशन
• ब्रांज मेडल नेशनल स्नो बोर्ड।
• हिमाचल प्रदेश की सबसे छोटी काॅपीराइट प्राप्त करने वाली छात्रा
• इनके अलावा ढेर सारे और अवॉर्ड भी उन्होंने जिलास्तर एवं प्रदेशस्तर पर प्राप्त किए हैं।
जया ने सफलता का श्रेय माता मनजीत कौर, बड़े पापा गुप्तराम ठाकुर, रावमा पाठशाला के प्रधानाचार्य रहे रूप सिंह ठाकुर व अन्य को दिया। जया ने बताया कि पिछले वर्ष जेकेयू -लिंज, ऑस्ट्रिया की यूनिवर्सिटी से अपनी रिसर्च इंटर्नशिप की थी जिसका सारा खर्च परमर्था फाउंडेशन द्वारा उठाया गया था। बकौल जया, ”जो स्कॉलरशिप मिलेगी उसी में फीस, आने-जाने का हवाई खर्च, रिसर्च ग्रांट और बाक़ी खर्च जुतशि-स्मिथ स्काॅलरशिप की ओर से ही उठाया जाएगा। मैं आगामी आठ सितंबर को यूनाईटेड किंगडम जा रही हूं।” शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने रिसर्च के लिए यूके जा रही जया को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से भी जया की यथासभंव मदद की जाएगी।