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सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में वकील प्रशांत भूषण पर लगाया 1 रुपये का जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को न्यायपालिका के खिलाफ दो ट्वीट करने के मामले में अवमानना का दोषी ठहराया जा चुका है। इस मामले में जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली एक पीठ ने वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगने के लिए कहा था। जिस पर वकील प्रशांत भूषण ने माफी मांगने से इंकार करते हुए कहा था कि मैं अपने विचारों और ट्विट पर कायम हूं और मैंने सुप्रीम कोर्ट की बेहतरी के लिए अपने विचार व्यक्त किए थे।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि प्रशांत भूषण ने अपने बयान को पब्लिसिटी दिलाई उसके बाद कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया। कोर्ट ने फैसले में भूषण के कदम को सही नहीं माना। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ से कहा था कि उनका यह सुझाव है कि प्रशांत भूषण को दंडित किए बिना मामले को बंद कर दिया जाए।
My lawyer & senior colleague Rajiv Dhavan contributed 1 Re immediately after the contempt judgement today which I gratefully accepted pic.twitter.com/vVXmzPe4ss
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) August 31, 2020
आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर एक रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को 15 सितंबर तक 1 रुपया सुप्रीम कोर्ट में जमा करना होगा। 1 रुपया जमा नहीं करने की स्थिति में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण 3 साल तक प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जुर्माना अदायगी नहीं करने पर तीन माह की साधारण जेल की सजा भी होगी।