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नीदरलैंड की लेखिका मारिके लुकास ने सबसे कम उम्र में जीता अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार

नीदरलैंड की मारिके लुकास रिजनेवेल्ड अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली सबसे कम उम्र की लेखिका बन गई हैं। लेखिका ने मात्र 29 वर्ष की आयु में यह अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है। रिजनेवेल्ड की किताब ‘द डिस्कम्फर्ट ऑफ इवनिंग’ (The Discomfort of Evening) के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। यह पुस्तक ग्रामीण नीदरलैंड के एक कट्टर ईसाई समुदाय के एक किसान परिवार की कहानी है।
International Booker: Dutch author Marieke Lucas Rijneveld won the 2020 International Booker prize for debut novel The Discomfort of Evening, a story of childhood grief. At 29, Rijneveld is the youngest author to win the prestigious prize. https://t.co/DDpHt3PRlr via @scroll_in
— Arti Dogra (@artizzzz) August 26, 2020
यह पुरस्कार मूल बुकर पुरस्कार से अलग है और इसका लक्ष्य विश्वभर में अच्छे उपन्यास के अधिक प्रकाशन और उसे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है।
जानकारी के मुताबिक, इस साल 30 भाषाओं से अनुवाद की गई 124 किताबें दौड़ में थीं। नियमों के अनुसार पुरस्कार की ईनाम राशि 50,000 पाउंड लेखक और अनुवादक मिशेल हचिसन के बीच बराबर बंटेगी। यह पुरस्कार हर साल किसी भी भाषा के काल्पनिक कथा उपन्यास को दिया जाता है, जिसका अनुवाद अंग्रेजी में हुआ है और प्रकाशन ब्रिटेन अथवा आयरलैंड में हुआ हो।