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पारिवारिक कलह से परेशान युवक ने खुद को बनाया किन्नर, अब पत्नी से हुआ तलाक

अक्सर पति-पत्नी के बीच मनमुटाव की खबरें तलाक़, अवसाद, हत्या-आत्महत्या जैसे मुकाम पर पहुंचती हैं। लेकिन राजस्थान से पति-पत्नी के बीच तकरार का एक अलग तरह का मामला सामने आया है। शनिवार को जोधपुर की फैमिली कोर्ट के जज महेंद्र कुमार सिंघल के सामने तलाक का एक विचित्र मामला आया जिसमें पारिवारिक कलह के चलते एक व्यक्ति किन्नर बन गया जिसके बाद पति-पत्नी की सहमति से दायर तलाक की अर्जी को फैमिली कोर्ट ने मंजूर कर ली है।
सूट में बाएं तरफ खड़ा शख्स जो किन्नर बना हुआ है और पीले सूट में पत्नी (सोशल मीडिया से साभार फोटो)
जोधपुर के गुलजारपुरा ताजियों का बास निवासी एक युवक मो. शाकिर (बदला हुआ नाम) की 25 अक्टूबर 2007 को अजमेर के विजयनगर निवासी एक लड़की सलमा (बदला हुआ नाम) से शादी हुई थी। ये दोनों रिश्ते में मामा-बुआ के बेटे-बेटी हैं। पति-पत्नी के बीच कुछ समय तक सब कुछ ठीक चला। 15 अप्रैल 2009 को एक बेटा भी हुआ। कुछ वर्षों बाद दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव शुरू हो गया। परिवाद में पति ने पत्नी के किसी अन्य शख्स के साथ अफेयर होने का आरोप लगाया है। पति का यह भी कहना था कि पत्नी मुझे ताने भी मारती थी। इस वजह से वह परेशान रहता था। जबकि पत्नी ने भी जवाब में युवक पर कुछ आरोप लगाए हैं। फिर भी जैसे-तैसे गृहस्थी चल रही थी। किंतु घर में रोजाना की बढ़ती कलह से अवसाद और गुस्से में आकर एक दिन युवक ने स्वयं को किन्नर बनवा लिया।
इसके लिए मो. शाकिर (बदला हुआ नाम) पारिवारिक कलह को जिम्मेदार बताता है। उसने परिवाद में लिखा है कि उसने रीटा बाई को अपना गुरू बना लिया है। किन्नर समाज में गुरू ही सबकुछ होता है। युवक के किन्नर बनने की बात कुछ समय तक पत्नी को पता ही नहीं चली। बाद में युवक ने उसे यह सच्चाई बता दी। जिसके बाद वर्ष 2014 में विवाद ज्यादा बढ़ गया। युवक ने वर्ष 2017 को कोर्ट में तलाक की अर्जी लगा दी। तब से यह मामला लंबित था। शनिवार को दोनों कोर्ट में पहुंचे थे। लोक अदालत की बैंच फैमिली कोर्ट के जज महेंद्र कुमार सिंघल ने दोनों की काउंसलिंग करते हुए उन्हें घंटेभर तक समझाया। अंत में, दोनों आपसी सहमति से तलाक लेने के लिए राजी हो गए। जिसके बाद कोर्ट ने भी तलाक की अर्जी मंजूर करते हुए डिक्री पारित कर दी।