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उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेता छपवा रहा था NCERT की फर्जी किताबें, 35 करोड़ की किताबें हुई बरामद

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते देश भर में शैक्षणिक संस्थान बंद पड़े हैं जिससे माना जा रहा है कि स्टेशनरी उद्योग भी बिल्कुल ठप्प पड़ा है। किंतु उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त छापेमारी में 35 करोड़ रुपये की एनसीईआरटी की फर्जी किताबें मिली हैं। जानकारी के मुताबिक, एनसीईआरटी की ये किताबें एक प्रिंटिंग प्रेस में अवैध तरीके से छापी जा रही थीं। इस कार्रवाई के दौरान 6 प्रिटिंग मशीनें जब्त कर ली गई हैं और एक दर्जन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि मेरठ से इन किताबों की सप्लाई कई दूसरे राज्यों जैसे उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान में हो रही थी। इसके अलावा यूपी के कई जिलों में भी ये किताबें भेजी जा रही थीं।
एनसीईआरटी की फर्जी किताबों के गोदाम का एक दृश्य
एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबें छापने का मास्टरमाइंड सचिन गुप्ता है। वह भाजपा नेता संजीव गुप्ता का बेटा है। परतापुर के अछरौंडा में गोदाम और मोहकमपुर की प्रिंटिंग प्रेस का मालिक सचिन गुप्ता है। फिलहाल वह फरार है। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। छापेमारी के तुरंत बाद सचिन से पुलिस अधिकारियों की फोन पर बातचीत हुई। उसने कहा कि वह किताबों के कागजात लेकर आ रहा है, लेकिन बाद में नहीं आया और मोबाइल भी बंद कर लिया। सचिन और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ परतापुर थाने में एसटीएफ सब-इंस्पेक्टर ने मुकदमा दर्ज कराया है। मोहकमपुर प्रिंटिंग प्रेस से एसटीएफ को एक होर्डिंग मिला है। इसमें संजीव गुप्ता को भाजपा का महानगर उपाध्यक्ष बताया गया है। होर्डिंग पर भाजपा महानगर अध्यक्ष समेत कई जनप्रतिनिधियों के फोटो छपे हुए हैं। संजीव गुप्ता गांधी संकल्प पदयात्रा का मेरठ-हापुड़ लोकसभा का संयोजक भी रह चुका है।
गोदाम में यूपी पुलिस और एसटीएफ जांच करते हुए
मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय साहनी के अनुसार सुशांत सिटी के रहने वाले सचिन गुप्ता का परतापुर थाना क्षेत्र में गगोल रोड पर किताबों का गोदाम है। यहां पर अवैध तरीके से एनसीईआरटी की किताबों की छपाई कर आसपास के राज्यों में इनकी आपूर्ति की जाती थी। एसएसपी ने बताया, ‘एक सूचना के आधार पर एसटीएफ और पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से यहां छापा मारा। छापेमारी के दौरान मौके से एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है। साथ ही गोदाम को सील कर मौके से लगभग 35 करोड़ रुपये की एनसीईआरटी की फर्जी किताबें बरामद की गई हैं। पुलिस ने गोदाम को सील कर दिया है।’
एनसीईआरटी की किताबें मेरठ में बड़े पैमाने पर छापी जा रही थीं। जानकारी के मुताबिक, ये किताबें जब आर्मी स्कूल तक पहुंची तो गुपचुप तरीके से इसकी जांच आर्मी ने अपने स्तर से कराई थी। जिसके बाद पता चला कि ये किताबें मेरठ के परतापुर इलाके में छापी जा रही हैं। आर्मी इंटेलिजेंस इस पूरे मामले की तह तक पहुंच गई। चूंकि मामला सिविल पुलिस का था इसलिए इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी एसटीएफ को दे दी गई। एसटीएफ ने किताबों का फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए जाल बिछाया और शुक्रवार को मेरठ पुलिस के सहयोग से प्रिटिंग प्रेस में छापा मारकर बड़े पैमाने पर एनसीईआरटी की ये किताबें बरामद कर लीं है।