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अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की जांच करेगी सीबीआई : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रैंड रिया चक्रवर्ती की याचिका को खारिज करते हुए मामले की सीबीआई जांच करने का आदेश दे दिया है। जिसके बाद बीजेपी ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के पोते पार्थ पवार पहले ही अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले की सीबीआई जांच कराने की वकालत कर चुके हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पार्थ पवार ने अपने ट्विटर अकाउंट में सत्यमेव जयते लिखा है।

बता दें कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में दोपहर को फंदे से लटके पाए गए थे। एनडीए के सहयोगी दल लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि अब न केवल सच्चाई सामने आएगी, बल्कि वे नाम भी सामने आएंगे जो मामले में जांच को बाधित करने के पीछे थे। मुझे उम्मीद है कि कोर्ट के आदेश से सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को राहत मिली होगी।

सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई और भाजपा विधायक नीरज सिंह बबलू ने कहा कि हमारा परिवार सुप्रीम कोर्ट और उन सभी को धन्यवाद देता है जो न्याय के लिए इस आंदोलन का हिस्सा थे। अब हम निश्चित हैं कि सुशांत को न्याय मिलेगा।

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की सीबीआई जांच के आदेश के बाद अभिनेत्री अंकिता लोखंडे ने न्याय की मूर्ति की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- सत्य की जीत।

सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह का कहना था कि उनका महाराष्ट्र पुलिस में भरोसा नहीं है। उनका कहना था कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की पुष्टि की जाए और मुंबई में महाराष्ट्र पुलिस को इस मामले में सीबीआई को हर तरह से सहयोग करने का निर्देश दिया जाए।

बिहार सरकार का दावा था कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु को लेकर पटना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी विधि सम्मत और वैध है। राज्य सरकार ने यह भी दावा किया था कि मुंबई पुलिस ने उसे न तो सुशांत सिंह राजपूत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराई और न ही उसने अभी तक इस मामले में कोई प्राथमिकी ही दर्ज की है।

इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि मुंबई में तो कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने और मजिस्ट्रेट को इसकी जानकारी दिये बगैर कोई जांच ही नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान ही केंद्र ने कहा था कि इस मामले को सीबीआई को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली गई है और इस संबंध में आवश्यक अधिसूचना भी जारी हो गई है।

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