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55 आतंकियों को ढेर करने वाले असिस्टेंट कमांडेंट नरेश कुमार को 7वीं बार मिला वीरता पुरस्कार

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सहायक कमांडेंट नरेश कुमार को कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिये सातवीं बार वीरता पुरस्कार (PMG) से नवाजा गया है। बता दें कि असिस्टेंट कमांडेंट नरेश कुमार ने महज 35 साल की उम्र में 7वीं बार पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री पुरस्कार पाकर इतिहास रच दिया है। उन्हें 4 साल के भीतर ही 7 बार वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। बता दें कि दिल्ली में 2008 में बाटला हाउस मुठभेड़ में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के निरीक्षक मोहन चंद शर्मा को भी मरणोपरांत सातवीं बार वीरता पदक दिया गया है।
असिस्टेंट कमांडेंट नरेश कुमार ने एक बार इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें अपना पहला वीरता पुरस्कार साल 2017 में एक ऑपरेशन के लिए मिला था, जो 2016 में श्रीनगर में किया गया था। इसी तरह, 2018 में मुझे 2 वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बता दें कि असिस्टेंट कमांडेंट नरेश कुमार श्रीनगर में वैली सीआरपीएफ की ‘क्विक एक्शन टीम’ का नेतृत्व करते हैं। असिस्टेंट कमांडेंट नरेश कुमार साल 2013 में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स से जुड़े थे। जम्मू-कश्मीर में तैनात असिस्टेंट कमांडेंट नरेश कुमार 55 से अधिक दुर्दांत आतंकवादियों को ढेर कर चुके हैं।
एक कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह असिस्टेंट कमाडेंट नरेश कुमार को सम्मानित करते हुए (फाइल फोटो)
सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया, ‘अकेले इस वर्ष, घाटी की क्विक एक्शन टीम को 15 से अधिक वीरता पदक से सम्मानित किया गया है।’ सीआरपीएफ को इस वर्ष मिले 55 पदकों में से 41 जम्मू कश्मीर में अभियानों के लिये दिए गए हैं, जबकि 14 पदक छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ अभियानों के लिये प्रदान किए गए हैं।’ सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट विनय प्रसाद को मरणोपरांत बहादुरी पदक दिया गया है। आजादी की वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर 87 सैनिकों को भी वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।