
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज रविवार को ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत महत्वपूर्ण ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर भारत की पहल को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाने के मकसद से रक्षा मंत्रालय 101 से ज्यादा वस्तुओं पर एम्बार्गो यानी आयात पर प्रतिबंध लगाएगा। रक्षा मंत्री ने बताया कि इन वस्तुओं की सूची रक्षा मंत्रालय ने सभी संबंधित पक्षों से कई दफा परामर्श करने के बाद तैयार की है। इसमें आर्म्ड फोर्सेज, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग भी शामिल है ताकि वर्तमान और भविष्य में युद्ध उपकरणों को तैयार करने की क्षमता का आकलन किया जा सके।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विट करते हुए कहा कि इस लिस्ट में न केवल कुछ पार्ट्स शामिल हैं बल्कि उच्च प्रौद्योगिकी वाले हथियार जैसे असॉल्ट राइफलें, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट, LCH, रडार तथा कई अन्य महत्वपूर्ण चीजें शामिल हैं। रक्षा मंत्री के मुताबिक यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर किया गया है। इस फैसले से भारत के रक्षा उद्योग को बड़े पैमाने पर उत्पादन का अवसर मिलेगा। जानकारी के मुताबिक, इन वस्तुओं के आयात पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की बजाय धीरे-धीरे प्रतिबंध लगाया जाएगा। अभी जो फैसले किए गए हैं, वो 2020 से लेकर 2024 के बीच लागू किए जाएंगे। 101 उत्पादों की सूची में आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल्स (AFVs) भी शामिल हैं।
101 उपकरणों की सूची, जिनके आयात पर रक्षामंत्रालय द्वारा रोक लगाई गई है
रक्षामंत्री ने बताया कि ऐसे उत्पादों की तकरीबन 260 योजनाओं के लिए तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के ठेके दिए थे। अनुमान है कि अगले 6 से 7 साल में घरेलू इंडस्ट्री को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में घरेलू रक्षा उद्योग के लिए 52 हज़ार करोड़ के अलग बजट की घोषणा भी की है। घरेलू कंपनियों से अब 4 लाख करोड़ के रक्षा उपकरणों की खरीद की जाएगी। रक्षामंत्री के अनुसार, इनमें से लगभग 1,30,000 करोड़ रुपये की वस्तुएं सेना और वायु सेना के लिए होगी तो वहीं नौसेना के लिए 1,40,000 करोड़ रुपये की वस्तुएं तैयार की जाएगी।