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32 बार दसवीं कक्षा में हुआ फेल, कोरोना वायरस की वजह से 33वें प्रयास में हुआ पास

कोरोना वायरस के चलते सम्पूर्ण भारत में शैक्षणिक संस्थान बंद पड़े हैं। जिससे शिक्षा जगत के साथ सम्पूर्ण भारत को लॉकडाउन के कारण नुकसान झेलना पड़ रहा है। किंतु एक शख्स ऐसा भी है जिसे कोरोना वायरस और लॉकडाउन में शिक्षा को लेकर ही फायदा पहुंचा है। हैदराबाद के 51 वर्षीय मोहम्मद नूरुद्दीन लगातार 32 साल से 10वीं की परीक्षा दे रहे थे, किंतु अंग्रेजी विषय में फेल हो रहे थे। जिस कारण वह ग्यारहवीं कक्षा में नहीं पहुंच पा रहे थे।

अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते मोहम्मद नूरुद्दीन ने इस बार भी ओपन एग्जाम पद्धति से 33वीं बार दसवीं कक्षा की परीक्षा देने का निर्णय लिया था। जिसके लिए मोहम्मद नूरुद्दीन ने तीन हजार रुपए फीस भी भरी हुई थी। किंतु वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते मार्च माह में देशभर में लॉकडाउन लागू हो गया जिससे परीक्षाएं रद्द कर दी गई। बाद में, राज्य सरकार ने सभी को प्रमोट करने का फैसला किया। आखिरकार 10वीं पास होने के बाद मोहम्मद नूरुद्दीन ने खुशी जाहिर करते हुए तेलंगाना की के० चंद्रशेखर राव सरकार को शुक्रिया कहा। नूरुद्दीन जिस सपने का कई दशकों से इंतजार कर रहा था वह कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी के चलते पूरा हो पाया है।
बता दें कि मोहम्मद नूरुद्दीन 1987 से लगातार 10वीं की परीक्षा दे रहा था। किंतु हर बार अंग्रेजी विषय में फेल हो जाता था। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन की घोषणा हो गई और बाद में सरकार ने बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट करने का फैसला किया था जिससे नूरुद्दीन भी अपने 33वें प्रयास में दसवीं कक्षा में पास हो गया।

 

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