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चीनी सामान के बहिष्कार के दौरान बीजेपी सांसद ने चीनी दूतावास को किराए पर दिया अपना बंगला

जी न्यूज पर सुभाष चंद्रा शो के माध्यम से लोगों को प्रेरित करने वाले सुभाष चंद्रा ने ऐसा कार्य कर दिया जिसकी जमकर आलोचना हो रही है ।दरअसल लद्दाख में चीन के सैनिकों से मुठभेड़ में 20 भारतीय जवानोंं के शहीद होने के बाद देश भर में चीन को लेकर जमकर विरोध देखा गया । भारत सरकार ने भी इसके चलते चीनी एप्स को प्रतिबंधित करने का काम किया ।
देश के नागरिकों ने भी सरकार का साथ दिया और चीनी सामान का पूर्ण बहिष्कार किया । यहां तक कि होटलों ने चीनी नागरिकों को अपने यहां ठहराने से भी इंकार कर दिया।
वहीं ऐसे माहौल में राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा ने अपना मुंबई स्थित बंगला चीन के कौंसुलेट को किराए पर दिया है। चीनी कौंसुलेट इस बंगले के किराए के रूप में प्रतिमाह 4.90 लाख रुपए अदा करेगा। किराए पर बंगला देने की रैंट डील 29 जून को हुई यानि गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय सैन्यवीरों की शहादत के सिर्फ 14 दिन बाद।
मुंबई के सबसे पॉश इलाके कफ परेड के जॉली मेकर-1, जो देश का सबसे अमीर इलाका माना जाता है, में स्थित यह बंगला किराए पर देने के लिए सुभाष चंद्रा ने भौपाटिल अरोटे को 15 जून को अपना वकील नियुक्त किया था जिन्होंने चीन के कौंसुलेट जनरल के वाइस कौंसुल हुवांग जियांग के साथ डील पर हस्ताक्षर किए। किराए के कागजात 29 जून को तैयार करवाए गए जबकि एक जुलाई को मुंबई में पंजीकरण करवाया गया।
बंगले को दो साल के लिए एक जुलाई, 2020 से लेकर 30 जून, 2022 तक किराए पर दिया गया है। डील के अनुसार लॉकिंग पीरियड 9 महीने का है तथा यदि डील रद्द करनी पड़े तो दोनों पक्षों को तीन महीने का नोटिस देना पड़ेगा।
बंगले के किराए की डील के बाद चीनी कौंसुलेट ने सुभाष चंद्रा को चैक से 58.80 लाख रुपए अदा किए। यह 9 महीने का एडवांस किराया है तथा इसमें रिफंडेबल 14.70 लाख रुपए का डिपॉजिट शामिल है।
बंगला किराए पर देने के लिए चीनी कौंसुलेट के साथ हुई डील में एक कूटनीतिक प्रावधान भी जोड़ा गया है जो कहता है-‘यदि लॉकिंग पीरियड समेत डील की अवधि में चीन सरकार या भारत सरकार के फैसले से मुंबई के इस चीनी कौंसुलेट को बंद किया जाता है तो डील रद्द मानी जाएगी।
सोशल मीडिया पर सुभाष चंद्रा के इस फैसलें की जमकर आलोचना हो रही है, और लोग उनकी देश भक्ति पर सवाल उठा रहे हैं ।