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राफेल लड़ाकू विमान पहुंचा भारत, देशवासियों ने किया गर्मजोशी से स्वागत

राफेल लड़ाकू विमान 27 जुलाई को फ्रांस से भारत के लिए रवाना हो गया था। लंबी यात्रा के बाद ये विमान संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अल दफ्रा एयरबेस पर उतरे थे। वहां पायलट और जेट्स को आराम देने के लिए रोका गया था।फ्रांस से 7,000 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करते हुए आज शाम को ये 5 राफेल लड़ाकू विमान अंबाला एयरफोर्स बेस पर लैंड करते हुए इतिहास बना चुके हैं। एटमी हथियार ले जाने की ताकत रखने वाला ये विमान दुनिया का अकेला ऐसा फाइटर एयरक्राफ्ट है, जो 55,000 फीट की ऊंचाई से भी दुश्मनों को तबाह करने की ताकत रखता है। बता दें कि राफेल विमान के भारतीय वायुसेना में शामिल होने पर भारत की मौजूदा सैन्य ताकत में जबर्दस्त इजाफा होगा क्योंकि पांचवी जेनरेशन के इस लड़ाकू जेट की मारक क्षमता जैसा लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के पास भी नहीं हैं।
The Birds have landed safely in Ambala.
The touch down of Rafale combat aircrafts in India marks the beginning of a new era in our Military History.
These multirole aircrafts will revolutionise the capabilities of the @IAF_MCC.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 29, 2020
राफेल लड़ाकू विमान के कॉकपिट में बैठे हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एयरफोर्स स्टेशन के आसपास इलाकों में धारा 144 लागू लगी हुई है। इसके तहत यहां फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी पाबंदी लगा दी गई है। एक अधिकारी ने बताया कि अंबाला जिला प्रशासन ने एयरफोर्स बेस के तीन किलोमीटर के दायरे में लोगों के ड्रोन उड़ाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। उपायुक्त अशोक शर्मा के आदेशानुसार धुलकोट, बलदेव नगर, गरनाला और पंजखोड़ा समेत एयरफोर्स बेस के आसपास के गांवों में धारा 144 लगी हुई है। इसके तहत चार या अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध है। भारतीय वायुसीमा में दोपहर 1:30 बजे राफेल विमान पहुंच गया है।
5 राफेल लड़ाकू विमान को 2 सुखोई 30 MKI विमान एस्कोर्ट करते हुए
सबसे पहले राफेल लड़ाकू विमान काे वायुसेना की 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर और शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने लैंड करवाया है। उनके पीछे चार अन्य राफेल ने भारतीय जमीं को छुआ है। अगवानी के लिए वायुसेना प्रमुख आर०के०एस भदाैरिया समेत वेस्टर्न एयर कमांड के कई अधिकारी भी अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर मौजूद रहें हैं। लैंडिंग के बाद राफेल काे ‘वॉटर सैल्यूट’ दिया गया है। फिर पांचों राफेल लड़ाकू विमानों को एक कतार में खड़ा करते हुए सैन्य सेरेमनी का आयोजन किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, एक हफ्ते के अंदर ही इन विमानों को किसी भी मिशन के लिए तैयार कर लिया जाएगा। चीन बॉर्डर पर जिस तरह की स्थिति बनी हुई है उसे देखते हुए राफेल को आते ही काम पर लगाया जा सकता है। इन फाइटर जेट को उड़ाने के लिए कुल 12 पायलटों को ट्रेनिंग दी गई है, जो इसे फ्रांस से लेकर आ रहे हैं।
बता दें कि भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट 7000 किलोमीटर की हवाई यात्रा पूरी करने के बाद आज बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचें हैं। फ्रांस के मेरिनेक एयरबेस से इन पांच राफेल लड़ाकू विमान ने परसों उड़ान भरी थी। फ्रांस से राफेल विमानों को 17 गोल्डेन एरोज कमांडिंग आफीसर्स के पायलट लेकर आए हैं। सभी पायलटों को फ्रांसीसी दसॉल्ट एविएशन कंपनी द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। भारत ने राफेल में अपनी जरूरतों के हिसाब से कुछ बदलाव भी करवाए हैं। इसमें इजरायल के हेलमेट माउंट डिस्प्ले के साथ ही रडार वार्निंग रिसीवर, लो बैंड जैमर, दस घंटे की फ्लाइट डाटा रिकार्डिंग और ट्रैकिंग सिस्टम समेत कई अन्य सुविधाएं भी हैं। भारत लाए गए राफेल विमानों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए इनमें फ्रांस निर्मित हैमर मिसाइल लगाई गई हैं। ये मिसाइल 60 से 70 किमी की दूरी पर भी मजबूत से मजबूत लक्ष्य को ध्वस्त करने में सक्षम हैं। हाइली एजाइल माड्युलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज (हैमर) हवा से जमीन पर मार करने वाली मीडियम रेंज की मिसाइल हैं। यह मिसाइल शुरुआत में फ्रांस की वायुसेना और नौसेना के लिए बनाई गई थी। 36 लड़ाकू विमानों का यह सौदा भारत ने 2016 में फ्रांस से 60 हजार करोड़ रुपये में किया था। इस मिसाइल से भारतीय वायुसेना दुश्मनों के बंकर पर सटीक निशाना बना सकती है। राफेल विमानों में इस्तेमाल होने वाली स्कैल्प और मीटियोर मिसाइलें पहले ही भारत पहुंच चुकी हैं। बता दें कि राफेल विमान के भारतीय वायुसेना में शामिल होने पर भारत की मौजूदा सैन्य ताकत में जबर्दस्त इजाफा होगा क्योंकि पांचवी जेनरेशन के इस लड़ाकू जेट की मारक क्षमता जैसा लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के पास भी नहीं हैं।