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ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह राफेल लड़ाकू विमान को सबसे पहले भारत में लैंडिंग करवाएंगे

फ्रांस से आज भारत को 5 राफेल लड़ाकू विमान मिलने वाले हैं। वायुसेना की 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर और शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह सबसे पहले भारत की जमीं पर राफेल लड़ाकू विमान काे लैंड करवाएंगे। ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह राफेल स्क्वाड्रन के फर्स्ट कमांडिंग ऑफिसर हैं, जो आज शाम तक अम्बाला पहुंच रहे राफेल लड़ाकू विमानों को लीड कर रहे हैं।
23 सितंबर 2008 की एक घटना के दौरान हरकीरत सिंह एक स्क्वाड्रन लीडर थे। राजस्थान के एक एयरबेस से मिग-21 बाइसन में रात्रि अभ्यास के दौरान उड़ान पर थे। अचानक 4 किमी की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद उन्हें इंजन से 3 धमाके सुनाई दिए। इंजन बंद होते ही कॉकपिट में अंधेरा छा गया। हरकीरत सिंह ने इमरजेंसी लाइट जलाते हुए किसी तरह आग पर काबू पाया। बिना देर किए इंजन को स्टार्ट करने की कोशिश की। इंजन चालू होते ही उन्होंने ग्राउंड कंट्रोल की मदद से नेविगेशन सिस्टम के जरिये रात में ही लैंडिंग की, जिसके लिए उच्च कौशल की जरूरत होती है। हरकीरत सिंह चाहते ताे दुर्घटनाग्रस्त मिग-21 से कूद भी सकते थे, लेकिन उन्होंने मिग-21 को भी सुरक्षित लैंड करवाया। विषम परिस्थितियों में खराब इंजन होने के बावजूद जान जोखिम में डालकर विमान को सुरक्षित लैंड कराने के लिए ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह को शौर्य चक्र से नवाजा जा चुका है। बता दें कि हरकीरत सिंह के पिता निर्मल सिंह ले० कर्नल के पद पर रहते हुए देश सेवा कर चुके हैं। उनकी पत्नी अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर ही विंग कमांडर हैं और ग्राउंड ड्यूटी पर तैनात हैं।
भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि भारत पहुंच रहे पांच राफेल विमानों में तीन विमान एक सीट वाले हैं और दो विमान दो सीटों वाले हैं। बता दें कि राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए अभी तक कुल 15 से 17 पायलट पूरी तरह से ट्रेंड हो चुके हैं। 17 स्क्वाड्रन के 18 राफेल फाइटर के लिए तीस के करीब पायलट तैनात होंगे। 150 से 200 ग्राउंड स्टाफ को राफेल के स्क्वाड्रन की देख-रेख के लिए ट्रेंड किया गया है।