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जिंदा था तो ट्रेन रोक कर सैकड़ों की जान बचाई, मरने के बाद 8 लोगों को दे गया नई ज़िन्दगी

केरल के तिरुवनंतपुरम का 27 वर्षीय अनुजीत अब इस दुनिया में नहीं रहा। मगर उसके अच्छे निर्णय की चर्चा हमेशा इस दुनिया में होती रहेगी। अनुजीत के गृह जिले कोल्लम के कोट्टाराकारा में 14 जुलाई की रात को घर लौटते समय अनुजीत की बाइक के सामने अचानक एक शख़्स आ गया था। उसे बचाने की कोशिश में अनुजीत की बाइक सड़क पर फिसल गई, जिससे उसे गहरी चोट आई थी। इस एक्सीडेंट के बाद अनुजीत को कोट्टाराकारा के अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें तिरुवनंतपुरम मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया। फिर वहां से उन्हें किम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
इस एक्सीडेंट में गंभीर चोट लगने के कारण डाक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। जिसके बाद अनुजीत की पत्नी प्रिंसी और बहन अजल्या ने अनुजीत के अंगों को दान करने का फैसला किया। अनुजीत का एक तीन साल का बेटा भी है। अनुजीत की पत्नी और बहन ने 8 व्यक्तियों के जीवन को बचाने के लिए अनुजीत के हार्ट, गुर्दे, आंखें, छोटी आंत और हाथ दान करने के लिए डाक्टर से बात की। अंग दान करने की प्रकिया सफल होने के बाद अनुजीत मरते हुए भी 8 लोगों को नई ज़िंदगी दे गया है। अनुजीत की पत्नी के अनुसार, अनुजीत ने एक बार यह इच्छा जताई थी कि जीवन में उनको अगर कुछ होता है तो उनके शरीर के अंगों को दान कर देना ताकि उसके शरीर के अंग दूसरे लोगों के काम आ सकें। अंग दान करते हुए हमने उनकी अंतिम इच्छा पूरी करने का प्रयास किया है। अनुजीत एक कंपनी में ड्राइवर था, किंतु लॉकडाउन की वजह से उनकी नौकरी छूट गई थी। उन्होंने कुछ समय पहले ही सुपरमार्केट में सेल्समैन की नौकरी ज्वाइन की थी।
एक व्यक्ति अपने अंगों को दान करते हुए आठ लोगों की जान बचा सकता है
जानकारी के मुताबिक, साल 2010 में एक बार अनुजीत ने रेलवे ट्रैक पर क्रैक देखते ही लाल बैग लोको पायलट को दिखा कर ट्रेन रुकवाई थी, जिससे बड़ा हादसा होते होते टल गया था। अनुजीत के इस साहसिक निर्णय से रेलगाड़ी में सवार कई लोगों की जान बच गई थी।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने दुख के इस समय में इस मानवीय कदम को उठाने के लिए अनुजीत के परिवार की सराहना की। स्वास्थ्य मंत्री ने अनुजीत के परिवार के प्रति संवेदना भी जाहिर की। अंग दान की यह प्रक्रिया प्रदेश सरकार के केरल साझाकरण संगठन के लिए ‘मृथासंजीवनी’ के जरिए से की गई है। अनुजीत का दिल थ्रिपुनिथुरा के 55 वर्षीय सनी थॉमस को दान कर किया गया। जो की कोच्चि के लिसी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। इसके अलावा हाथ और छोटी आंत के रिसीवर का इलाज अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में चल रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के निर्देशानुसार , प्रदेश सरकार द्वारा रेंट पर लिए गए पवन हंस एएस 35 दाउफिन हेलीकॉप्टर ने मंगलवार को एर्नाकुलम के हयात होटल से अनुजीत के अंगों को इकट्ठा करने के मिशन को अंजाम दिया है।