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18 सरकारी बैंकों में 1.48 लाख करोड़ की धोखाधड़ी की जानकारी मिली आरटीआई से

कोरोना वायरस के कारण देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही धीमी पड़ चुकी है। अब एक आर्थिक संकट का बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें कहा जा रहा है कि पिछले वित्त वर्ष में देश के सरकारी बैंकों में बड़े स्तर पर धोखाधड़ी हुई है। इस संदर्भ में भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया है कि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में सरकारी क्षेत्र के 18 बैंकों द्वारा कुल 1,48,427.65 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 12,461 मामले सामने आए हैं। जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश के नीमच निवासी और आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बृहस्पतिवार को “पीटीआई-भाषा” को बताया कि रिजर्व बैंक ने उन्हें आरटीआई के तहत उन्हें यह जानकारी दी है।

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार
पिछले वित्त वर्ष में आर्थिक धोखाधड़ी का सबसे बड़ा खामियाजा सरकारी क्षेत्र के शीर्ष बैंक भारतीय स्टेट बैंक को भुगतना पड़ा है। एसबीआई द्वारा पिछले वित्त वर्ष में 44,612.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े 6,964 मामले सूचित किए गए हैं। 18 सरकारी बैंकों में हुई कुल धोखाधड़ी की राशि में एसबीआई की रकम 30% है।

एक अप्रैल, 2019 लेकर 31 मार्च, 2020 तक की अवधि में सरकारी क्षेत्र के 18 बैंकों में हुई कुल धोखाधड़ी की रकम और मामले……..
1.) एसबीआई में 44,612.93 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी से जुड़े 6,964 मामले सूचित किए गए
2.) पंजाब नेशनल बैंक में 15,354 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 395 मामले सूचित किए गए
3.) बैंक ऑफ बड़ौदा में 12,586.68 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 349 मामले सामने आए
4.) यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 424 मामलों में 9,316.80 करोड़ रुपए
5.) बैंक ऑफ इंडिया ने 200 मामलों में 8,069.14 करोड़ रुपए
6.) केनरा बैंक ने 208 मामलों में 7,519.30 करोड़ रुपए
7.) इंडियन ओवरसीज बैंक ने 207 मामलों में 7,275.48 करोड़ रुपए
8.) इलाहाबाद बैंक ने 896 मामलों में 6,973.90 करोड़ रुपए
9.) यूको बैंक ने 119 मामलों में 5,384.53 करोड़ रुपए
10.) ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने 329 मामलों में 5,340.87 करोड़ रुपए
11.) सिंडिकेट बैंक ने 438 मामलों में 4,999.03 करोड़ रुपए
12.) कॉरपोशन बैंक ने 125 मामलों में 4,816.60 करोड़ रुपए
13.) सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 900 मामलों में 3,993.82 करोड़ रुपए
14.) आंध्रा बैंक ने 115 मामलों में 3,462.32 करोड़ रुपए
15.) बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 413 मामलों में 3,391.13 करोड़ रुपए
16.) यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने 87 मामलों में 2,679.72 करोड़ रुपए
17.) इंडियन बैंक ने 225 मामलों में 2,254.11 करोड़ रुपए
18.) पंजाब एंड सिंध बैंक ने 67 मामलों में 397.28 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक की ओर से आरटीआई के तहत मुहैया करायी गई जानकारी में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों की प्रकृति और फ्रॉड के शिकार हुए तत्कालीन 18 सरकारी बैंकों तथा उनके ग्राहकों को हुए नुकसान की विस्तार से जानकारी नहीं दी है। पिछले कुछ वर्षों में सिलसिलेवार एकीकरण के बाद देश में सरकारी क्षेत्र के बैंकों की संख्या फिलहाल 12 रह गई है।
बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने कुछ वर्ष पहले भी ऐसे ही आरटीआई के तहत बैंकों में हुई आर्थिक स्तर पर धोखाधड़ी की जानकारी मांगी थी जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 में बैंकिंग धोखाधड़ी से 21 सरकारी बैंकों को 25,775 करोड़ का चूना लगने की जानकारी सामने आई थी। तब पंजाब नेशनल बैंक को सबसे ज्यादा 6461.13 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

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