Breaking NewsTop Newsजम्मू-कश्मीरदेशवायरल

इस साल नहीं होगी अमरनाथ यात्रा

कोरोना वायरस के चलते जहां पूरा देश लॉकडाउन में थम गया था, वहीं अब कोरोना वायरस के बढ़ रहे मरीजों के कारण इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है। बता दें कि 8 जुलाई को यह फैसला लिया गया था कि इस साल अमरनाथ यात्रा को कुछ पाबंदियों के साथ आयोजित किया जाएगा। जिससे प्रतिदिन 500 से अधिक तीर्थयात्रियों को भगवान शिव की पवित्र गुफा की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक, नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि यात्रा एक पखवाड़े के लिए 21 जुलाई से शुरू होगी। किंतु आज अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए बोर्ड ने यह फैसला लिया है कि इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा का संचालन करना उचित नहीं है। अतः यात्रा को रद्द करने की घोषणा की जा रही है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने मंगलवार को बोर्ड की 39वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बोर्ड सुबह और शाम की आरती का लाइव टेलीकास्ट जारी रखेगा। इसके अलावा पारंपरिक अनुष्ठानों को भी पहले की तरह जारी रखा जाएगा। बता दें कि पिछले साल भी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की वजह से अमरनाथ यात्रा को बीच में ही बंद करना पड़ा था। कोरोना वायरस के कारण वैष्णोदेवी मंदिर के मामले में मंदिर तक श्रद्धालुओं के जाने पर भी 31 जुलाई तक रोक लगी हुई है।

शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमरनाथ में बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट किया था कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि जम्मू-कश्मीर की पवित्र गुफा श्री अमरनाथ में बाबा बर्फानी के दर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ। इस मौके पर उनके साथ सीडीएस बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी नजर आए थे।
हर साल अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बाबा बर्फानी की प्रथम पूजा करते हैं। छड़ी मुबारक के साथ इस यात्रा का आगाज होता है। बाबा बर्फानी की छड़ी मुबारक इस साल पारंपरिक पहलगाम मार्ग से नहीं जाएगी। जानकारी के मुताबिक, उस मार्ग को अभी तक बर्फ की वजह से साफ नहीं किया जा सका है। इसलिए छड़ी मुबारक को महंत दशनामी अखाड़ा के नेतृत्व में कुछ साधु-संतों के साथ हेलीकॉप्टर से गुफा तक ले जाया जाएगा ताकि श्रृद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए यात्रा को पूर्ण किया जा सके और पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ बाबा की पूजन प्रक्रिया सम्पूर्ण हो सके। रक्षा बंधन के दिन छड़ी पूजन के साथ अंतिम दर्शन किए जाएंगे। बता दें कि अमरनाथ यात्रा के लिए हर साल अप्रैल के पहले सप्ताह से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होती है, हालांकि इस बार कोरोना महामारी के चलते प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी। साल 2000 में अमरनाथ श्राइन बोर्ड बनाया गया था, जिसके चेयरमैन जम्मू कश्मीर के राज्यपाल/उपराज्यपाल होते हैं।

Tags

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Close