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अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख का प्रस्ताव पीएमओ को भेजा, अगस्त के शुरुआत में भूमि पूजन की उम्मीद

नवंबर 2019 में देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक श्रीराम के मंदिर पर स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। जिसके बाद, भारत के साथ विश्व भर में हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोग श्रीराम मंदिर के निर्माण को लेकर इंतजार कर रहे थे। इसी इंतजार के बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक आज सम्पन्न हो गई। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अयोध्या में आज हुई पहली बैठक में करोड़ों लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जानकारी के मुताबिक, ट्रस्ट ने श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए शिलान्यास की तारीख तय कर ली है। इसके लिए तीन और पांच अगस्त की तारीख तय करने के बाद प्रस्ताव पीएमओ को भेज दिया गया है। अब इस पर अंतिम फैसला पीएमओ को करना है। साथ ही, श्रीराम मंदिर के नक्शे में बदलाव का भी फैसला किया गया है जिसके तहत श्रीराम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा और इसमें तीन की बजाय पांच गुंबद बनाए जाएंगे।

आज हुई रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र समेत 12 सदस्य शामिल हुए। तीन सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहें। ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल ने बैठक की अध्यक्षता की। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र परिषद की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भूमि पूजन में आने पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होने के लिए निवेदन किया गया है। भूमि पूजन की तारीख हमने तय करके प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दी है। तारीख पर अंतिम फैसला अब पीएमओ को ही लेना है। चंपत राय ने कहा कि यहां पर श्रीराम मंदिर का निर्माण एलएंडटी कम्पनी और सोमपुरा मिलकर करेंगे। सोमनाथ मंदिर को भी इन लोगों ने बनाया है। मंदिर बनाने में पैसे कि कमी नहीं होगी। मंदिर के लिये 10 करोड़ परिवार दान देंगे।

ट्रस्ट के एक सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा- अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा मंदिर के गर्भगृह का पूजन और मंदिर निर्माण का शुभारंभ होता है तो यह सबसे अच्छा और शुभ होगा। शिलापूजन सिंहद्वार के शिलान्यास के साथ हो चुका है। इसलिए अब गर्भगृह का पूजन होना बाकी है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को देखते हुए ट्रस्ट ने इसके भूमिपूजन के कार्यक्रम को टाल दिया था। कामेश्वर चौपाल ने कहा कि करोड़ों लोगों के साथ विश्वभर में फैले श्रीराम के भक्तों की आस्था का सम्मान करते हुए यहां कहना चाहूंगा कि श्रीराम मंदिर के साथ यहां राष्ट्र मंदिर भी बनेगा, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
जानकारी के मुताबिक, बैठक के पहले बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने इच्छा जाहिर करते हुए कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अयोध्या में स्वागत करना चाहता हूं। मंदिर निर्माण को लेकर जो संत समाज चाहता है, वही मैं भी चाहता हूं।’ अंसारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद के लिए जो 5 एकड़ भूमि मुस्लिम समाज को दी गई है, उस पर एक अस्पताल और एक स्कूल का निर्माण किया जाए।

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