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आर्मी में महिला अधिकारियों के स्थायी कमीशन को लागू करने के लिए केंद्र को मिला एक महीने का अतिरिक्त समय

थल सेना में महिलाओं को बराबरी के हक का फैसला लागू होने में अभी एक और महीने की देरी हो सकती है । चूंकि कोरोना वायरस के चलते देश में हर स्तर पर बनी हुई अव्यवस्था को ठीक होने में अभी समय लगेगा । केंद्र सरकार ने कोरोना की वजह से अभी फैसले को अंतिम रूप देने में असमर्थता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से 6 महीने का अतिरिक्त समय देने की मांग की थी । रक्षा मंत्रालय के माध्यम से केंद्र सरकार का पक्ष सुनने के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और इंदु मलहोत्रा की पीठ ने सरकार को एक महीने का वक्त और दे दिया है।
बता दें कि इसी वर्ष फरवरी माह में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार युद्ध क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमान देने के लिए बाध्य है। सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को सेना के 10 विभागों में स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया हुआ है । कोर्ट ने साथ में ये भी लिखा था कि सामाजिक और मानसिक कारण बताकर महिलाओं को इस अवसर से वंचित करना भेदभावपूर्ण है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। महिला अधिकारियों को न्यायाधीश एडवोकेट जनरल, सेना शिक्षा कोर, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कोर में स्थायी कमीशन दिया जाएगा।
केंद्र सरकार की ओर से बाला सुब्रमण्यम ने अदालत से कहा कि कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण दफ्तर बंद रहे और कर्मचारियों की उपस्थिति कम रही इसलिए कोर्ट द्वारा दिए गए तीन महीने में इस आदेश को लागू नहीं किया जा सका । फैसला लागू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है,
ऑफिस ऑर्डर कभी भी आ सकता है, लेकिन कोरोना को देखते हुए अतिरिक्त वक्त दिया जाना चाहिए। महिला अफसरों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मीनाक्षी लेखी से कोर्ट द्वारा अतिरिक्त समय दिए जाने की सहमति लेने पर वकील मीनाक्षी लेखी ने अदालत से कहा कि अतिरिक्त समय दिया जा सकता है लेकिन अदालत इसकी निगरानी करे।
बता दें कि 17 साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद थलसेना में महिला अधिकारियों को बराबरी का हक मिलने का रास्ता फरवरी महीने में साफ हो गया था। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी महीने में एक अहम फैसले में कहा था कि उन सभी महिला अफसरों को तीन महीने के अंदर सेना में स्थायी कमीशन दिया जाए, जो इस विकल्प को चुनना चाहती हैं । गौरतलब है कि वायुसेना और नौसेना में महिला अफसरों को पहले से ही स्थाई कमीशन मिल रहा है ।