
पिछले दिनों अमेरिका ने दिसंबर 2020 तक एच-1 बी वीजा समेत अन्य कार्य वीजा को अस्थायी तौर पर सस्पेंड करने का आदेश जारी किया था । जिससे सबसे ज्यादा प्रभावित लोग भारतीय ही हैं । अब कुवैत में एक्सपैट कोटा बिल लागू होने से 8 लाख भारतीयों को कुवैत देश छोड़ना पड़ सकता है । कुवैत की नेशनल असेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने अप्रवासी कोटा बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद कुवैत में रहने वाले करीब आठ लाख भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है। इस बिल के अनुसार, कुवैत में भारतीयों की आबादी 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुवैत में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है, जिसकी कुल संख्या तकरीबन 15 लाख बताई जा रही है।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले महीने कुवैत के प्रधानमंत्री, शेख सबा अल खालिद अल सबाह ने अप्रवासियों की आबादी 70 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत तक करने का प्रस्ताव रखा था । कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते वहां प्रवासियों के खिलाफ बयानबाजी शुरू हो चुकी है। कुवैत द्वारा इस विधेयक को इसलिए भी लाया जा रहा है क्योंकि कुवैत के नागरिक अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो गए हैं । गल्फ न्यूज ने स्थानीय मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि नेशनल असेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने निर्धारित किया है कि अप्रवासी कोटा बिल का ड्राफ्ट संवैधानिक है। हालांकि, इस विधेयक को अभी एक अन्य समिति द्वारा वीटो किया जाना है, लेकिन फिर भी भारतीयों की अभी से चिंता बढ़ी हुई है। ऐसा नहीं है कि यह विधेयक सिर्फ भारतीयों के लिए ही है, इसमें अन्य विदेशी नागरिकों को भी शामिल किया गया है।
कुवैत में इस एक्सपैट कोटा बिल लागू होने से प्रभावित लगभग आठ लाख भारतीय अगर स्वदेश लौटते हैं तो इससे भारत में बेरोजगार लोगों की संख्या में विस्फोटक बढ़ोतरी होना तय है । जिससे यहां पहले से मौजूद बेरोजगार युवाओं की भीड़ और सरकारों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है ।