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नागालैंड सरकार ने कुत्तों के मांस की बिक्री और सेवन पर लगाया बैन

नागालैंड कैबिनेट ने एनिमल क्रूअल्टी प्रीवेंशन ऐक्ट 1960 के तहत यह फैसला लिया है कि राज्य में कुत्तों के मांस की बिक्री और इसके सेवन पर पूरी तरह बैन लगा दिया है। जानवरों के साथ बढ़ रहे क्रूरता के मामलों पर रोक लगाने के लिए यह फैसला अहम माना जा रहा है । कुत्ते के पके हुए और कच्चे दोनों तरह के मांस पर यह बैन लगाया गया है । सरकार के प्रवक्ता क्रोनू ने बताया, ‘राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला सेवन के लिए दूसरे राज्यों से कुत्तों को लाने के खतरों को देखते हुए और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत लिया गया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने तुरंत प्रभाव से सुअरों के भी वाणिज्यिक आयात और व्यापार पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। क्रोनू ने बताया कि क्षेत्र में स्वाइन फ्लू के प्रकोप के बाद राज्य ने पहले ही सूअरों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था । नागालैंड के मुख्य सचिव तेमजेन तॉय ने ट्वीट कर राज्य सरकार के इस फैसले की जानकारी दी ।

गौरतलब है कि पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों में कुत्तों का मीट खाया जाता रहा है। यहां के लोग कुत्ते के मीट को उच्‍च पोषण मानते हैं। वैसे कानूनी रूप से कुत्ते की हत्या और उसका मांस खाना अवैध है, लेकिन अभी भी नागालैंड और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में कुत्ते का मांस खाया जाता रहा है। पिछले दिनों कुत्ते से बर्बरता का एक वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा था। कुत्ते के मांस पर प्रतिबंध लगाने की एक वजह ये भी बताई जा रही है । मुख्‍यमंत्री नेफ्यू रियो के इस आदेश की राज्य में प्रशंसा हो रही है ।

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