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रिटायर्ड डीएसपी, जिन्होंने 62 एनकाउंटर किए थे अब कर लिया सुसाइड

देश और खासकर बिहार के लोग अभी अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर से उभर भी नहीं पाए थे कि अब बिहार पुलिस महकमे में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट
के नाम से प्रसिद्ध डीएसपी कृष्ण चंद्रा (68 वर्ष) द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है । सैकड़ों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके लोग ना जाने कैसे स्वंय अवसाद में आकर आत्महत्या कर रहे हैं ।
रिटायर्ड डीएसपी कृष्ण चंद्रा ने 37 साल पुलिस की नाैकरी में 64 एनकाउंटर किए थे । ड्यूटी के दाैरान उन्हें दो बार गाेली भी लगी थी लेकिन बच गए थे । इतना कुछ होने के बाद भी उन्हें एक भी गैलेंट्री अवार्ड नहीं मिला । के०चंद्रा बिहार के पुलिस विभाग में तेज़-तर्रार और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अधिकारी के रूप में जाने जाते थे । बेउर थाना क्षेत्र के मित्र मंडल कॉलोनी के फेज टू स्थित अपने आवास में के चंद्रा ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से सिर में गोली मार कर आत्महत्या की है ।
रिटायर्ड डीएसपी की लाश के पास से दो सुसाइड नोट भी मिले हैं । जिसमें लंबी बीमारी से पीड़ित तथा संतोष सिन्हा नामक पड़ोसी द्वारा मानसिक रूप से परेशान करने पर मजबुर होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाने की बातें लिखी गई हैं । शुरुआती जांच करते हुए पुलिस ने पड़ोसी संतोष सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया है जो कि एक बैंक अधिकारी के पद से रिटायर हैं। पुलिस का कहना है कि रिटायर्ड डीएसपी ने लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारी है। यह मामला बेऊर थाना क्षेत्र के मित्रमंडल कॉलोनी फेज-2 का है।
कृष्ण चंद्रा के दाेस्त रिटायर्ड डीएसपी अंजनी कुमार सिन्हा ने बताया- वह 1975 में मेरे साथ ही सब-इंस्पेक्टर बहाल हुए थे। चंद्रा 1985 में इंस्पेक्टर और फिर 1998 में डीएसपी बने। साल 2012 में के० चंद्रा सोनपुर से रेल डीएसपी के पद से रिटायर हुए थे । उनकी जहां भी पाेस्टिंग रही, अपराधियाें में अपना खौफ बनाए रखते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखी । वे गरीबाें के मददगार थे। वे गरीबाें के साथ धरने पर भी बैठ जाते थे। आर्थिक रूप से कमजोर कई बच्चियाें की शादी कराई और गरीब बच्चाें काे किताबें भी बांटते थे । वर्ष 1972 में अंतर विश्वविद्यालय शतरंज प्रतियोगिता में के०चंद्रा चैंपियन बने थे।
मृतक डीएसपी के परिवार में दो पुत्र व एक पुत्री है। एक पुत्र व एक पुत्री की शादी हो चुकी हैै। बड़ा बेटा प्रचेय श्रेष्ठ मुंबई के एक बैंक में अधिकारी हैं। छोटा पुत्र निश्चय श्रेष्ठ पिता के साथ ही में रहता था और पटना हाई कोर्ट में अधिवक्ता है। पिता की मौत की सूचना मिलने पर पुत्री प्रियंका अपने पति मदन मोहन के साथ पुनाईचक से बेउर पहुंच गई है ।

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