
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से जहां हर क्षेत्र प्रभावित है , उस स्थिति में भारतीय रेलवे का बचना नामुमकिन है । सम्पूर्ण भारत में लाॅकडाउन के कारण आमदनी में आई भारी कमी के चलते भारतीय रेलवे ने अपने खर्चाें में कटाैती करनी शुरू कर दी है। इसके लिए रेलवे के वित्त आयुक्त के प्रस्तावाें काे लागू किया जा रहा है । इस प्रस्ताव के अनुसार नए पद बनाने और भर्ती पर राेक, वर्कशाॅप में कर्मचारियाें के युक्तिकरण, सीएसआर के लिए आउटसोर्स करना, समाराेहाें काे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना, स्टेशनरी के इस्तेमाल में 50% तक की कमी करने जैसे कदम उठाने काे कहा है। रेलवे के वित्तीय आयुक्त ने 19 जून को लिखे एक पत्र में सभी जोन के महाप्रबंधकों को बताया है कि रेलवे की यातायात से होने वाली कमाई में मई के अंत में, पिछले साल की इस अवधि की तुलना में 58 प्रतिशत की गिरावट आई है। पत्र में यह भी कहा गया है, ‘जैसाकि आप जानते हैं कि सरकार का आदेश है कि रेलवे को पेंशन समेत अपने राजस्व खर्च खुद ही वहन करने होंगे । खर्चों पर नियंत्रण और कमाई बढ़ाने के लिये नए रास्ते तलाशने होंगे।’
आयुक्त ने रेलवे के सभी जोन को कर्मचारियों पर होने वाले खर्चों में कटौती और उन्हें कई कार्यों में दक्ष बनाने, अनुबंधों की समीक्षा करने, बिजली उपभोग कम करने और प्रशासनिक तथा अन्य क्षेत्रों में खर्चों में कटौती का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा नए पद सृजित करने पर रोक लगाने का भी सुझाव दिया गया है। पत्र में कहा गया है, ‘बीते दो साल के दौरान सृजित किये गए पदों की समीक्षा की जानी चाहिये और अगर इन पर नियुक्तियां नहीं हुई हैं तो उनकी समीक्षा कर भर्ती रोकी जा सकती है। इसके अलावा कार्यशालाओं में कर्मचारियों को क्षमतावान बनाया जा सकता है।’