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3 साल से परिवार का इंतजार कर रही बिटिया को ‘माय होम इंडिया’ ने परिवार से मिलवाया

महाराष्ट्र: किसी मासूम के परिवार से बिछड़ने का दर्द सिर्फ वह मासूम और उसका परिवार ही समझ सकता है, लेकिन माय होम इंडिया ऐसे ही दर्द को कम करने का काम पिछले 13 वर्षों से संस्थापक सुनील देवधर के मार्गदर्शन से और अपनी विशेष मुहिम ‘सपनों से अपनों तक’ के माध्यम से निस्वार्थ भाव से कर रही है।
माय होम इंडिया ने ऐसा ही कार्य एक बार तब फिर किया जब संस्था ने सोलापुर के बालगृह में काम करने की अनुमति ली, जिसके बाद क्षेत्रिय सीड्बलूसी अध्यक्ष अनुजा कुलकणी ने एक 3 साल से परिवार से बिछड़ी बच्ची से मिलवाया और उसे उसके परिवार से मिलवाने की अपील की, ये बच्ची परिवार से झगड़ा होने के कारण घर से भागकर सोलापुर आ गई थी जहां रेलवे पुलिस ने इस बच्ची को रोता देख इसे सीड्ब्लूसी के सुपूर्द कर दिया और तब से यह बच्ची सोलापुर के बाल गृह में ही रह रही थी।
माय होम इंडिया के वरिष्ठ कार्यकर्ता अरूण यादव को जब इस बच्ची के बारे में जानकारी हुई तो सोलापुर युनिट के कार्यकर्ता जयवंत जाधव, संजय साड़ुके को उस बच्ची से बात करने के निर्देश दिये गये । लेकिन बच्ची 3 साल में बाल गृह में रहने के कारण अपनी मूल भाषा भूल गई थी और वह अपना पता भी ठीक से नहीं बता पा रही थी जिसके बाद संस्था के कार्यकर्ता संजय ने बच्ची की क्षेत्रिय भाषा में उससे बात की और उससे कुछ प्रमुख जानकारियां जुटाई और फिर उस बच्ची के परिवार के बारे में तफ्तीश शुरू की। शुरूआत में बच्ची के परिवार को खोजने में मुश्किल हुई लेकिन संस्था के कार्यकर्ताओं ने अपनी मेहनत से उस बच्ची के गांव का पता खोज निकाला और फिर वहां के पुलिस प्रशासन की मदद से परिवार की तलाश पुरी कर ली, और फिर अगले ही दिन परिवार को सोलापुर बुलाकर बच्ची को परिवार के सुपूर्द करवा दिया ।

संस्था के इस कार्य की परिवार ने बहुत प्रशंसा की और वह भावुक होकर बोले जिस बच्ची को वह मृत समझकर भूल गये थे उसे दोबारा परिवार से मिलाने का कार्य करके संस्था ने एक बहुत बड़ा कार्य किया है, वहीं इस कार्य की क्षेत्रिय सीड्ब्लूसी ने भी बहुत प्रशंसा की और ऐसे कार्यों को सतत जारी रखने के भी निर्देश दिये ।
रिपोर्ट- आशीष वर्मा