
गुरुग्राम (पटौदी विधनसभा)
रिपोर्ट-धीरज शर्मा
उड़ीसा के अलावा पी.सी.सारंगी पटौदी विधानसभा चुनाव में भी दिखाई दे रहे हैं परंतु अबकी बार वह नरेंद्र पहाड़ी के रूप में दिखाई दे रहे हैं इसी वजह से पटौदी विधानसभा का चुनाव हरियाणा की राजनीति का ऐतिहासिक कम खर्चे वाला बन सकता है और गरीब आदमी जिसकी वार्षिक आय 80000 रुपये है विधायक बन सकता है। पटौदी का सारंगी नरेंद्र पहाड़ी जो कि बड़ी-बड़ी पार्टियों का खेल बिगाड़ने को तैयार हैं। बहुत लंबे टाइम से पटौदी में विधायक राव इंद्रजीत की मर्जी से बनते आए हैं परंतु अब की बार समीकरण कुछ अलग ही दिखाई दे रहा है जोकि रक्षा मंत्री और जेपी नड्डा को भी रैली के लिए पटौदी में बुलाने को मजबूर कर रहा है। यह रैली तीन कारणों से हो सकती है पहला राव इन्द्रजीत की राजनीतिक पकड़ कमजोर होना,नरेंद्र पहाड़ी को जबरदस्त जनसमर्थन मिलना या फिर भाजपा को ही इंद्रजीत के साथ देने पर शक होना।
शुरुआत में तो यही लग रहा था कि बीजेपी से जिसको टिकट मिल गई वह विधायक बन गया परंतु अक्सर राजनीति के खेल में मोड़ आते दिखाई देते हैं। भाजपा प्रत्याशी सत्यप्रकाश जरावता को टक्कर देने के लिए 40 साल से आरएसएस के स्वयंसेवक और गौ संरक्षण के जिला प्रमुख नरेंद्र पहाड़ी मैदान में दिखाई दे रहे हैं और माना जा रहा है कि उनको मैदान में इसलिए आना पड़ा की भाजपा से सत्यप्रकाश जरावता को टिकट मिलते ही जनता के द्वारा उनका विरोध किया गया और उन पर काफी गंभीर आरोप लगाए गए और इसी विरोध से जनता ने नरेंद्र पहाड़ी को जन्म दिया।
नरेंद्र पहाड़ी एक गरीब परिवार से जिसकी वार्षिक आय ₹80000 है। कुर्ता पजामा एक भगवा रंग का मफलर, साथ में एक खादी का झोला जिसमें वह अखबार में रोटियां लपेट कर रखते हैं और कुछ कागजात रखते हैं। इस सीधे-साधे व्यक्तित्व को हर आदमी पसंद कर रहा है और समाज में वह अपनी एक बहुत जबरदस्त छाप छोड़ चुके हैं और अब ऐतिहासिक कम खर्च वाले विधायक बनने जा रहे है।
खर्च करने के लिए उनके पास मात्र उनके सामाजिक संगठन और गौ रक्षा दल के सदस्य हैं जिन्होंने कुछ बैनर और पर्चे बनवा रखे हैं। कार्यालय पर जो कार्यकर्ता आते हैं अपना खाना साथ बंद कर लाते हैं वहीँ जो प्रचार दूसरी पार्टियां लाखों रुपए में करती है उतना प्रचार इनकी टीम मात्र कुछ रुपयों के खर्च कर देती है। इलाके में इनको पटोदी के सारंगी,फक्कड़ बाबा, सब के वाड़ी नरेंद्र पहाड़ी इत्यादि नामों से पहचाना जाने लग रहा है।
आने वाली 21 तारीख तक बहुत से राजनेताओं का सर दर्द ठीक होने वाला नहीं लग रहा क्योंकि और नेताओं की हार जीत उनके जीवन पर बहुत कुछ असर डाल सकती है परंतु नरेंद्र पहाड़ी के पास खोने को कुछ भी नहीं है और पाने को एक बहुत बड़ा समुंद्र है जिससे वह समाज का भला कर सकते हैं।