
गांधीनगर: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का मोटर व्हीकल एक्ट (संशोधित) 2019 लगातार चर्चा का कारण बना हुआ है. नियम तोड़ने पर जुर्माना बढाए जाने के बाद दिल्ली सहित देशभर से इसको लेकर तरह तरह की ख़बरें आ रही हैं. वहीँ व्यवस्था न बदल जुर्माने की रकम बढ़ाने से लोगों में नाराजगी भी है. इसी बीच गुजरात सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.
बतादें कि गुजरात में सीएम विजय रूपाणी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नये मोटर व्हीकल एक्ट (संशोधित) 2019 को लेकर बड़ा फैसला लिया है. या कहें की गुजरात की बीजेपी सरकार को मोदी सरकार का नया मोटर व्हीकल एक्ट (संशोधित) 2019 रास नहीं आया है. नियम तोड़ने पर बढाए गये जुर्माने की रकम से जनता परेशान है.
लोगों का कहना है कि डीएल बनवाने पर रिश्वत उतनी ही लग रही है लेकिन डीएल न होने पर जुर्माना बढ़ा दिया गया है. लोगों का सरकार के प्रति लगातार गुस्सा बढ़ रहा है. सिस्टम में बदलाव न कर आम जनता से सरेआम लूट पाट हो रही है. लोगों का यहाँ तक आरोप है कि अब ट्रैफिक पुलिस वाले जहाँ पहले 50 रूपये मांग कर मामला निपटा लेते थे लेकिन अब वह भी नये कानून का हवाला देकर चालान न काटने के लिए 500 से कम रिश्वत नहीं मांगते हैं. ऐसे में राजधानी दिल्ली में है दर्जनों मामले सामने आ रहे हैं.
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वहीँ अब गुजरात सरकार ने मोटर व्हीकल संशोधन अधिनियम में बदलाव करते हुए लोगों को थोड़ी राहत दी है. बदलाव को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने बताया कि राज्य में बिना हेलमेट पर और कार में बिना सीट बेल्ट को लेकर राहत दी गयी है. गुजरात सरकार ने जुर्माने की रकम को 50 फीसद कम कर दिया है. सरकार ने हेलमेट न पहनने पर जुर्माना राशि को 50 फीसद घटाते हुए एक हजार के बजाए 500 रुपये कर दिया है. जबकि कार में सीट बेल्ट न पहनने पर भी जुर्माना 500 कर दिया है जबकि नये कानून में एक हजार रुपये था